मध्य प्रदेश का सियासी ड्रामा / विश्वास मत पर राज्यपाल के खत के बाद कमलनाथ देर रात राजभवन पहुंचे, मुलाकात के बाद कहा- फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर लेंगे

मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर सस्पेंस अभी खत्म नहीं हुआ है। लेकिन, रविवार को विधानसभा की कार्यसूची जारी होने के बाद सियासी हलचल बढ़ गई। कार्यसूची में केवल राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन का जिक्र किया गया था। बताया जा रहा है कि इसे लेकर राज्यपाल लालजी टंडन नाराज हैं। कार्यसूची जारी होने के कुछ ही देर बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को खत लिखा। इसमें कहा गया था कि विश्वास मत के दौरान मतों का विभाजन हाथ उठाकर किया जाए। टंडन ने खत लिखने के बाद कमलनाथ को मिलने के लिए बुलाया। देर रात हुई इस मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा- फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर एनपी प्रजापति लेंगे। मैंने राज्यपाल को बता दिया है कि मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, पर पहले बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को रिहा किया जाए। इस बीच, हरियाणा में ठहरे भाजपा के 100 से ज्यादा विधायक रविवार देर रात 2 बजे भोपाल लौट आए हैं। 


कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट से गुजरने के आदेश शनिवार आधी रात राज्यपाल लालजी टंडन ने जारी किए थे। इसके मुताबिक, सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद ही विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग होगी। आदेश में कहा गया था कि प्रक्रिया इसी दिन पूरी होगी और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।


भाजपा ने कहा- राज्यपाल के निर्देशों का उल्लंघन हुआ
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रात को राज्यपाल से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा- राज्‍यपाल ने विधानसभा अध्‍यक्ष और सरकार को निर्देश दिया था कि 16 मार्च को अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्‍ट करवाएं। दुख की बात है कि विधानसभा की कार्यसूची में केवल अभिभाषण को लिया गया। यह राज्‍यपाल के निर्देश का उल्‍लंघन और असंवैधानिक है। हमने विरोध के तौर पर ज्ञापन दिया है। राज्‍यपाल ने आश्‍वासन दिया है कि वे नियमों के तहत इस पर निर्णय लेंगे।


वोटिंग सिस्टम खराब होने पर राज्यपाल नाराज
राज्यपाल लालजी टंडन ने सदन का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम खराब होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सदन के सचिव को फटकार लगाई कि इन व्यवस्थाओं को पहले से सही क्यों नहीं किया गया? टंडन ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को तलब किया था। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम तुरंत ठीक कराने को कहा। राज्यपाल ने सचिव से पूछा कि सिस्टम ठीक नहीं था तो पहले से व्यवस्थाएं ठीक क्यों नहीं की गईं? नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा ने राज्यपाल से मिलकर वोटिंग मशीन खराब होने पर हाथ उठाकर वोटिंग कराने की मांग की है।


विधायकों की खबर मिल रही, वे सीधे मुझसे संपर्क नहीं कर रहे: स्पीकर
फ्लोर टेस्ट को लेकर स्पीकर प्रजापति से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह सवाल ही काल्पनिक है। उन्होंने मीडिया से कहा कि आपको कल ही इस बारे में पता चलेगा। फैसला लेने से पहले मैं आप लोगों को कुछ नहीं बता पाऊंगा। उन्होंने कहा, "मैं लोकतंत्र का संरक्षक हूं। ये आप तय कीजिए कि क्या चल रहा है। जो लोग लोकतंत्र के संरक्षक हैं, उन्हें भी चिंता करनी चाहिए। मैं विधायकों को लेकर चिंतित हूं। विभिन्न माध्यमों से उनके बारे में जानकारी मिल रही है। लेकिन वे मुझसे सीधे संपर्क नहीं कर रहे।''


विधायकों ने 5 दिन में दूसरी बार भेजे इस्तीफे
ज्योतिरादित्य समर्थक 16 विधायकों ने 5 दिन में दूसरी बार अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को भेजे हैं। इससे पहले प्रजापति ने ज्योतिरादित्य गुट के 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। ये सभी 22 विधायक अभी बेंगलुरु में हैं। दूसरी बार इस्तीफा भेजने वाले विधायकों ने स्पीकर से कहा कि जिस तरह आपने 6 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया है, उसी तरह हमारे इस्तीपों पर भी विचार करें।



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